कैसे किम जोंग-उन ने एक दशक में उत्तर कोरिया की सेना को उन्नत किया

North Korean leader Kim Jong Un (C) applauds during a photo session with the soldier-builders who performed labor feats in building the Wonsan Baby Home and Orphanage in this undated photo released by North Korea's Korean Central News Agency (KCNA) in Pyongyang June 3, 2015. REUTERS

उत्तर कोरिया के नेता के रूप में किम जोंग-उन के पहले दस साल आर्थिक विफलताओं, परमाणु कूटनीति को रोकने और सैन्य शक्ति के एक स्थाई पड़ाव द्वारा चिह्नित किए गए थे।

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन के सत्ता में आने के पश्चात् के पहले दशक की सफलताएँ और असफलताएँ क्या थीं?

दिसंबर 2011 में सत्ता में आने के पश्चात्, किम ने सैन्य और सरकारी अधिकारियों को परिवर्तित कर अपनी स्थिति को सशक्त किया, जिसे उनके पिता किम जोंग-इल ने नेतृत्व में उनके संक्रमण में सहायता के लिए नियुक्त किया गया था। उसने अपने चाचा और सौतेले भाई जैसे संभावित प्रतिद्वंद्वियों को निर्दयता से समाप्त कर दिया और कथित अवज्ञा को दंडित किया। किम ने वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया (WPK) की शासन प्रणाली को विस्तृत बैठकों एवं सम्मेलनों हेतु एक कार्यक्रम बहाल करके नियमित किया, जो अब शासन और नेतृत्व के मुख्य साधन हैं।

किम की प्राथमिक उपलब्धियां ज्यादातर सैन्य पक्ष में थीं, विशेषकर बैलिस्टिक मिसाइल विकास में। किम ने अपने दादा और पिता की प्रमुख विरासत के रूप में उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम की स्थापना की तथा अपने शासन के लिए प्राथमिक वैचारिक आधार के रूप में एक साथ सैन्य एवं आर्थिक विकास, ब्युंगजिन का अनुसरण किया। उन्होंने 2018 व 2019 में संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ उत्तर कोरिया की असफल शिखर कूटनीति के पश्चात् इन सैन्य उपलब्धियों पर अधिक प्रकाश डाला।

किम की प्राथमिक विफलता अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने का उनका संघर्ष था। प्रारंभ में, उन्होंने उत्तर कोरिया के विशेषज्ञ आंद्रेई लैंकोव को “बिना खुले सुधार” के रूप में वर्णित करने के आधार पर आर्थिक प्रगति की शुरुआत की। लेकिन उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था को देश के सैन्य विकास एवं महामारी, प्रतिबंधों तथा प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में आंतरिक आर्थिक छँटनी के उत्तर में बाहरी प्रतिबंधों के संयोजन के कारण झटके का सामना करना पड़ा।

किम जोंग-उन के तहत उत्तर कोरिया की परमाणु क्षमता कैसे बदली है?

उत्तर कोरिया ने विश्वसनीय विखंडन एवं संलयन क्षमता दोनों स्थापित की है तथा विभिन्न प्रकार की जमीन, रेल और समुद्र आधारित प्लेटफार्मों का उपयोग करके सभी श्रेणियों में परमाणु हथियार वितरित करने की अपनी क्षमता को उन्नत किया है।

जनवरी 2020 में, उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु एवं मिसाइल विकास को जारी रखने की अपनी आकांक्षा की घोषणा की। 2018 पनमुनजोम और सिंगापुर घोषणाओं में निर्धारित “पूर्ण परमाणुकरण” की दिशा में काम करने के स्थान पर, उत्तर कोरिया ने “एक रिक्तिपूर्व और जवाबी परमाणु हमले करने के लिए एक उन्नत क्षमता प्राप्त करने” की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता को बार-बार दोहराया है।

हनोई में किम और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के मध्य फरवरी 2019 शिखर सम्मेलन की विफलता के पश्चात्, एक निरंतर बातचीत प्रक्रिया को पुनः स्थापित करना असंभव हो गया है। दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन के प्रशासन ने अंतर-कोरियाई संबंधों को सुधारने में कठिनाइयों के बावजूद अमेरिका-उत्तर कोरिया वार्ता को पुनर्जीवित करने की मांग की है।

Image source: CNBC

क्या किम का शासन उसके पिता और दादा के शासन से अलग है?

किम धीरे-धीरे अपने दादा, उत्तर कोरियाई संस्थापक किम इल-सुंग और पिता की छाया में शासन करने से अपनी उपलब्धियों के आधार पर केंद्रीय नेता (सूर्यॉन्ग) के खिताब का दावा कर पाए हैं। शासक ने आंतरिक उन्नति हेतु एक आवश्यक शर्त के रूप में राजनीतिक वफादारी की आवश्यकता की परंपरा को कायम रखा है, तथा किम ने सरकार, डब्ल्यूपीके, सैन्य और सुरक्षा सेवाओं को अपने शासन के अधीन कर दिया है। इस संबंध में, उन्होंने उत्तर कोरिया की शासन प्रणाली की नींव से काफी हद तक विचलित होने के स्थान पर किम परिवार के शासन को बढ़ावा दिया है और महत्वपूर्ण समर्थन के लिए अपनी बहन किम यो-जोंग पर भरोसा किया है। किम ने किम इल-सुंग की नीतियों, नेतृत्व शैली और पहनावे का अनुकरण किया है, सचेत रूप से उनके शासन की यादें ताजा की हैं।

हालांकि, किम जोंग-उन और किम जोंग-इल दोनों को एक बड़ी विपदा का सामना करना पड़ा; राजनीतिक वैधता बनाए रखने की आवश्यकता के कारण उन प्रयासों को सीमित करने के बावजूद उन्होंने आर्थिक सुधार के रास्ते अपनाए। सुधार के प्रयास (जैसे देशभर में पंद्रह विशेष आर्थिक क्षेत्रों का पदनाम एवं कृषि क्षेत्र में विकेंद्रीकरण) अंततः दोनों शासन-स्थिरता चिंताओं से सीमित हो गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था पर केंद्रीकृत सरकार के नियंत्रण की छँटनी व पुनर्मूल्यांकन हुआ। कुछ हद तक, ये समानांतर दृष्टिकोण उत्तर कोरियाई दुविधा की अडिगता को दर्शाते हैं। शासन के अस्तित्व के लिए आर्थिक सुधार आवश्यक हैं, लेकिन सुधारों का शासन के अस्तित्व के अधीन होने की भी आवश्यकता है।

क्या संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रति किम का दृष्टिकोण पिछले एक दशक में विकसित हुआ है?

किम के शासन के पहले दशक के दौरान सबसे नाटकीय विकास संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, रूस और दक्षिण कोरिया के साथ शिखर कूटनीति की उनकी खोज थी, जिसमें ट्रम्प के साथ एक अभूतपूर्व तीन बैठकें सम्मिलित थीं। किंतु किम की शिखर कूटनीति का मिश्रित प्रभाव रहा है।

जनवरी 2020 में एक सम्मेलन में डब्ल्यूपीके की अपनी उपलब्धियों की समीक्षा ने “उत्तर कोरिया और अमेरिका के मध्य शक्ति संतुलन में एक नाटकीय मोड़ का उल्लेख किया… इस तरह हमारे राज्य की गरिमा एवं प्रतिष्ठा को आश्चर्यजनक रूप से प्रदर्शित करता है,” और “संयुक्त घोषणापत्र की सराहना की जिसने नए अमेरिका-उत्तर कोरिया संबंधों की स्थापना का आश्वासन दिया।” परंतु यह परमाणु निरस्त्रीकरण का उल्लेख करने में विफल रहा। उत्तर कोरिया के इस आकलन के साथ कि संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा देश के प्रति अपनी “शत्रुतापूर्ण नीति” को बदलने की संभावना नहीं है तथा ट्रम्प अब व्हाइट हाउस में नहीं हैं, ठोस वार्ता के माध्यम से अमेरिका-उत्तर कोरिया के अविश्वास को कम करने की संभावनाएं धूमिल हैं।

अनुवाद: संयम जैन

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